Uttarakhand

Chardham Yatra: 10 मई से शुरू हुई चार धाम यात्रा में अब तक 11 लोगों की मौत!

Getting your Trinity Audio player ready...

देहरादून: चार धाम यात्रा व्यवस्था पर उठ रहे सवाल को लेकर आज गढ़वाल कमिश्नर पत्रकारों से रूबरू हुए। पत्रकारों मुखातिब विनय शंकर पांडे ने कहा कि अभी तक चार धाम यात्रा के लिए 26,73,519 ऑनलाइन पंजीकरण हो चुके हैं। जबकि डेढ़ लाख से ज्यादा पंजीकरण ऋषिकेश और हरिद्वार में ऑफलाइन के माध्यम से हुए हैं। बताया कि 2, 74000 यात्री अभी तक धामों का दर्शन कर चुके हैं। गढ़वाल कमिश्नर ने यह भी बताया है कि हर धाम में पिछले साल की तुलना में इस साल दोगुनी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं।

अव्यवस्थाओं का कारण

अव्यवस्थाओं पर उठ रहे सवाल को लेकर विनय शंकर पांडे ने कहा है कि, धारण क्षमता से अधिक संख्या में श्रद्धालु धामों में पहुंच रहे हैं इसलिए भीड़ बढ़ रही है। बताया कि जिन लोगों के ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन ड्यू डेट के हैं वह भी दर्शन जल्दी करना चाहते हैं और धामों में पहुंच रहे है। जिससे भीड़ बढ़ रही है। इससे निपटने के लिए जगह-जगह पर परिवहन अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है और यात्रियों को रोका जा रहा है।

5 दिन में 11 लोगों की मौत।

10 मई से शुरू हुई चार धाम यात्रा में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है। यमुनोत्री में अभी तक छह लोगों की मौत हो चुकी है जबकि पांच मौतें तीन अलग-अलग धामों में हुई है। मौत होने का कारण ज्यादातर हार्ट अटैक बताया जा रहा है। विनय शंकर पांडे ने स्पष्ट किया है कि ज्यादा उम्र के लोगों का हेल्थ चेकअप किया जा रहा है। कुछ लोगों को यात्रा न करने की भी सलाह दी गई, बावजूद वह अपने रिस्क पर यात्रा कर रहे हैं। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि जो लोग अपने रिस्क पर यात्रा कर रहे हैं उन्हीं लोगों की मौत हुई हो। बताया कि अभी तक 5 से 6 ऐसे केस आए हैं जिन्होंने अपने रिस्क पर यात्रा के लिए आवेदन किया।

सख्त कार्यवाही के निर्देश

चार धाम के लिए उत्साहित यात्री तय समय से पहले यात्रा कर रहे हैं। जिससे धामों में भीड़ बढ़ रही है। ऐसे में अब उन वाहन स्वामियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं जो तय समय से पहले यात्रियों को पहुंचा रहे हैं। इसके लिए जनपदों के आरटीओ को निर्देशित किया गया है। साथ ही कहा गया है कि परमानेंट के लिए उनके लाइसेंस भी रद्द कर दिए जाएंगे।

अलग-अलग स्थानों पर बनाई गई व्यवस्था

बढ़ती हुई भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अलग-अलग स्थान पर श्रद्धालुओं को रोका जा रहा है। जहां उनके खाने-पीने और रहने की व्यवस्था उत्तराखंड सरकार द्वारा की जा रही है। यमुनोत्री, गंगोत्री, केदार और बद्रीनाथ रूटों पर अलग-अलग स्थान पर यह व्यवस्था बनाई गई है। गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे ने यह भी स्पष्ट किया है कि यात्रियों की संख्या ज्यादा होने से उन्हें होल्ड किया जा रहा है और बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है।

धारण क्षमता पर अभी तक कोई सर्वे नहीं किया गया।

सरकार भले ही अपनी नाकामी को छुपाने के लिए धारण क्षमता का वैरिकेट पिछले वर्ष 2023 से लगा रही हो, लेकिन अभी तक चार धाम में वहन क्षमता को लेकर कोई सर्वे नहीं किया गया है। ऐसे में सवाल यह है कि सरकार बिना सर्वे कराए संख्या को नियंत्रित करने के लिए केयरिंग कैपेसिटी के आंकड़े कैसे जारी कर रही है। पिछले साल चारधाम यात्रा 2023 के लिए भी केयरिंग कैपेसिटी के आंकड़े जारी किए गए थे। जबकि इस बार बड़ी संख्या में हो रहे पंजीकरण को नियंत्रित करने के लिए चारों धामों में 58000 पंजीकरण की व्यवस्था बनाई। गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर ने यह कहा कि उनकी जानकारी में नहीं है कि कभी चार धाम में कैरिंग कैपेसिटी को लेकर सर्वे कराया गया हो।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button